tag:blogger.com,1999:blog-1855465386795410021.post3988466811741831455..comments2023-10-09T00:14:48.735-07:00Comments on आनंद जोशी: आर.टी.आई से डर क्यों?आनंद जोशीhttp://www.blogger.com/profile/10751257266659217624noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1855465386795410021.post-59197492472361866492013-06-19T03:53:57.078-07:002013-06-19T03:53:57.078-07:00मैं आपके द्रष्टि कोण से बिलकुल सहमत हूँ.
...मैं आपके द्रष्टि कोण से बिलकुल सहमत हूँ.<br /> असलियत ये है कि ये सभी दल जनता के सामने अपने असली स्वरुप को नहीं आने देना चाहते.सभी के स्रोतों को देखें तो वे काले धन से जुड़े हैं.साथ ही वे नहीं चाहते कि जनता यह जाने कि वे किस प्रकार अपने इन दानदाताओं को लाभ पहुंचाते है,इस तरह ये दल मिलकर एक हो गएँ है,और जनता को दिखावे के लिए नूरा कुश्ती लड़ते हैं.सबका उधेश्य जनता को बेवकूफ बनाना है.अभी तो इस राग में बड़े दलों ने ही जुगल बंदी की है,थोड़े दिन में वे क्षेत्रीय दल भी जो मात्र एक व्यक्ति की दुकान मात्र हैं,इसमें शामिल हो जायेंगे.जब भी न्याय पालिका यदि इनके खिलाफ निर्णय देगी तभी ये सब सर्वसम्मति से इस बिल को उसके कार्य क्षेत्र से बाहर कर देंगे .इनका विरोध तो जनता के हितों से सम्बंधित बिलों पर होता है,जिसके ही पैसे से वेतन ले कर संसद में यह हंगामा करते हैं,.अपने वेतन भत्ते बढ़ाने में भी इनकी एकजुटता देखने के काबिल होती है.लानत है इन बेशर्म लोगों को.पर जनता कि भी मजबूरी है कि वह किसको चुने?ये सभी मौसेरे भाई हैं.dr.mahendraghttps://www.blogger.com/profile/07060472799281847141noreply@blogger.com